प्रोटोन (Protons) - वे कण जिनमें पॉजिटिव चार्ज होता है प्रोटोन कहलाते हैं। प्रोटोन में चार्ज की मात्रा इलेक्ट्रोन के चार्ज के समान होती है परंतु इलेक्ट्रोन से विपरीत स्थिति में होती है। न्युट्रोन ( Neutron) - यह ऐसा कण होता है जिसमें कोई चार्ज नहीं होता है। यह न्यूट्रल होता है। न्यूक्लियस (Nucleus) - इसमें दो प्रकार के कण होते हैं - प्रोटोन और न्यूट्रोन। प्रोटोन पॉजिटिव चार्ज युक्त होता है और न्यूट्रॉन इलैक्ट्रिकली न्यूट्रल होता है। परमाणु की संरचना उसी प्रकार की होती है जिस प्रकार सूर्य के चारों ओर ग्रह चक्कर लगाते हैं। परमाणु के केन्द्र पर न्यूक्लियस स्थित रहता है जिसके चारों ओर इलैक्ट्रोन भिन्न भिन्न मार्ग से चक्कर लगाते हैं। इलैक्ट्रोन, प्रोटोन के चारों ओर शैल (Shell) में व्यवस्थित रहते हुए चक्कर लगाते हैं। ये इलैक्ट्रोन्स अंडाकार रिंग ( Elliptical ring) बनाते हुए घूमते हैं। इन शैल कक्ष (Shell orbit) में इलैक्ट्रोन्स की संख्या निश्चित होती है। पहला शैल कक्ष K कहलाता है जिसमें इलैक्ट्रोनों की संख्या 2 से अधिक नहीं होती है। दूसरा शैल L होता है जिसमें इलैक्ट्रोनों की संख्या 8 से अधिक नहीं होती है। इसी प्रकार तीसरे शैल M में 18 और चौथे N में इलैक्ट्रोन्स की संख्या 32 से अधिक नहीं होती है। हाइड्रोजन तत्व की संरचना सबसे सरल होती है। इसके न्यूक्लियस में एक प्रोटोन होता है जिसके चारो ओर एक इलैक्ट्रोन कक्ष (orbit) में चक्कर लगाता है। इसी प्रकार हीलियम में 4 प्रोटोन्स और 2 इलैक्ट्रोन्स होते हैं और इन प्रोटोन्स के चारों ओर दो इलैक्ट्रोन्स चक्कर लगाते हैं। इसी प्रकार आॅक्सिजन में प्रोटोन्स के चारों ओर 8 इलैक्ट्रोन्स चक्कर लगाते हैं जिनमें पहले शैल में 2 और दूसरे में 6 इलैक्ट्रोन होते हैं। ताँबे में 29 इलैक्ट्रोन होते हैं और इसके न्यूक्लियस में 29 प्रोटोन और 35 न्यूट्रोन होते हैं। K शैल में 2, L शैल में 8, M शैल में 18 और N में 1 इलैक्ट्रोन्स घूमते हैं। इलैक्ट्रोन, प्रोटोन और न्यूट्रोन की संख्या परमाणु भार और परमाणु नंबर से ज्ञात होती है। जैसे ताँबे का परमाणु भार 64 है और परमाणु संख्या 29 है। इसका अर्थ है इलैट्रोन्स की संख्या 29 रहती है प्रोटोन की संख्या भी इलैट्रोन्स की संख्या के बराबर 29 रहती है। इलेक्ट्रोन और प्रोटोन की संख्या समान होने के कारण इनके चार्ज एक-दूसरे को उदासीन कर देते हैं।
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