क्या आप जानते हैं कि जिस मैगी को आज हम इतना पसंद करते हैं. उसका इतिहास क्या है और इसका नाम मैगी ही क्यों पड़ा? यह करीब 123 साल पुरानी कहानी है. मैगी नूडल्स बनाने वाले का नाम जूलियस माइकल जोहानस मैगी था. वो स्विट्जरलैंड के रहने वाले थे. उन्हीं के नाम पर मैगी का नाम 'मैगी' पडा था.
साल 1884 में जूलियस ने आटे से बने प्रोडक्ट को बेचना शुरू किया था, लेकिन उनका ये बिजनेस कुछ खास चला नहीं था, जिसके बाद 1886 में उन्होंने सोचा कि वो ऐसे खाद्य पदार्थ बनाएंगे, जो जल्दी से पक जाए. बस यही से मैगी की शुरुआत हुई थी. धीरे-धीरे जूलियस की मैगी ने बाजार में अपनी पहचान बना ली. उस समय स्विट्जरलैंड की सरकार ने भी इस काम में उनकी मदद की थी. जूलियस ने मैगी के अलावा भी कई तरह के फ्लेवर वाले सूप बाजार में उतारे थे और वो सारे काफी लोकप्रिय हूए थे. साल 1912 तक जूलियस मैगी के बनाए उत्पादों ने अमेरिका और फ्रांस जैसे कई देशों में अपनी पहचान बना ली थी. हालांकि उनकी मौत के बाद मैगी की साख पर थोड़ा फर्क जरुर पडा. लेकिन फिर भी कई सालों तक ऐसे ही ये चलता रहा. बाद में साल 1947 में नेस्ले ने 'मैगी' को खरीद लिया, जिसके बाद से यह भारत में भी मशहूर हो गई और घर - घर की पहचान बन गई.
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