Tuesday, June 9, 2020

चंद्रशेखर आजाद

                                काकोरी कांड                                                             भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ. उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी एंव माता का नाम जगदानी देवी था. उनके पिता ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे. यही गुण चंद्रशेखर को अपने पिता से विरासत में मिले थे. चंद्रशेखर 14 वर्ष की आयु में बनारस गए और वहां एक संस्कृत पाठशाला में पढाई की. वहां उन्होंने कानून भंग आंदोलन में योगदान दिया था. सन 1920-21 के दौरान वे गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े. वे गिरफ्तार हूए और जज के समक्ष प्रस्तुत किए गए. जहां उन्होंने अपना नाम 'आजाद' पिता का नाम 'स्वतंत्रता' और 'जेल' उनका निवास बताया. उन्हें 15 कोडे की सजा दी गई. हर कोडे के वार के साथ उन्होंने, 'वंदे मातरम' और 'महात्मा गांधी की जय' का स्वर बुलंद किया. इसके बाद वे सार्वजनिक रुप से आजाद कहलाए.
 उनका जन्म स्थान भाबरा अब 'आजादनगर' के रुप में जाना जाता है. अब जब क्रांतिकारी आंदोलन उग्र हुआ. तब आजाद उस तरफ खिंचे और 'हिन्दुस्तान सोशलिस्ट आर्मी' से जुड़े. रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में आजाद ने काकोरी षडयंत्र (1925) में सक्रिय भाग लिया और पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गए. 1789 दिसंबर, 1928 को चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और राजगुरु ने शाम के समय लाहौर में पुलिस अधीक्षक के दफ्तर को घेर लिया और ज्यों ही जेपी सांडर्स अपने अंगरक्षक के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर निकले तो राजगुरु ने पहली गोली दाग दी. जो सांडर्स के माथे पर लग गई. वह मोटरसाइकिल से नीचे गिर पड़ा. फिर भगत सिंह ने आगे बढ़कर 4-6 गोलियां दागकर उसे बिलकुल ठंडा कर दिया. जब सांडर्स के अंगरक्षक ने उनका पीछा किया, तो चंद्रशेखर ने अपनी गोली से उसे भी समाप्त कर दिया. लाहौर में जगह - जगह परचे चिपका दिए गए. जिन पर लिखा था - लाला लाजपत राय कि मृत्यु का बदला ले लिया गया है. 
 उनके इस कदम को समस्त भारत के क्रांतिकारियों को खुब सराहा गया. अलफ्रेड पार्क, इलाहाबाद में 1931 में उन्होंने रुस की बोल्शेविक क्रांति की तर्ज पर समाजवादी क्रांति का आव्हान किया. उन्होंने संकल्प किया था कि वे न कभी पकडे़ जाएंगे और न ब्रिटिश  सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी. इसी संकल्प को पुरा करने के लिए उन्होंने 27 फरवरी, 1931 को इसी पार्क में स्वयं को गोली मारकर मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी. 

No comments:

Post a Comment

Samsung Galaxy M31s (Mirage Blue, 6GB RAM, 128GB Storage)

  Samsung Galaxy M31s (Mirage Blue, 6GB RAM, 128GB Storage)                                                                                ...