अगर आप अफ्रीकी देशों या फिर व्दीपीय देशों के बारे में थोड़ी बहुत भी जानकारी रखते होंगे तो आपको मेडागास्कर के बारे में जरुर पता होगा. यह हिंद महासागर में अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित एक व्दीपीय देश है. मुख्य व्दीप, जिसे मेडागास्कर कहा जाता है. दुनिया का चौथा सबसे बड़ा व्दीप है. यह एक ऐसा देश है, जहां खास मौकों पर पुरुष हो या महिलाएं, बच्चे हो या बूढ़े, सब एक जैसे ही कपड़े पहनते हैं, जिसे स्थानीय भाषा में 'लाम्बा' कहा जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां शादियों में लोग लाम्बा पोशाक पहनते ही हैं, साथ ही साथ मृतकों के लिए भी कफन के तौर पर लाम्बा का ही इस्तेमाल होता है. मेडागास्कर सैकडों साल पहले अफ्रीका से अलग हो चुका है।
यही वजह है कि इस व्दीप पर पाए जाने वाले अधिकांश पौधे और जीव - जंतु पृथ्वी पर और कहीं नहीं पाए जाते हैं. मेडागास्कर का पुराना नाम मालागासी है. इस व्दीप पर रहने वाले लोग इसे इसी नाम से जानते हैं. मेडागास्कर की लगभग 75 फीसदी जातियां स्थानीक है. यानी वो यहां के अलावा दुनिया में कहीं और नहीं पाई जाती हैं. इस व्दीप पर कई अजीब जंतु भी पाए जाते हैं, जिनमें टेनरेक्स (कारों वाला चुहा), चमकीले रंगों वाले गिरगिट शामिल हैं.
हालांकि यहां के कई जीव - जंतु अब विलुप्त होने की कगार हैं. मेडागास्कर को अक्सर 'ग्रेट रेड व्दीप' कहा जाता है, क्योंकि इसकी मिट्टी लाल है. यह मिट्टी आमतौर पर कृषि के लिए उपयुक्त नहीं है. व्दीप के पश्चिम और उत्तर में कुछ दिलचस्प लाइमस्टोन (चुना पत्थर) का भी निर्माण होता है, जिसे सिंगी के नाम से जाना जाता है. मेडागास्कर में सबसे पहले कौन बसा, इसको लेकर विवाद है. कुछ मानव - उत्पत्ती विज्ञानियों का मानना है कि सबसे पहले यहां पर 2000 साल पहले इंडोनेशियाई लोग बसे. यहा सबसे पहले बसने वाले लोगों में अफ्रीकन नहीं थे. वो तो काफी बाद में यहां पहुंचे. यहां पाषाण युग का कोई प्रमाण नहीं मिलता है.
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