इलैक्ट्रिक सर्किट व इसके प्रकार जब विद्युत बैट्री या डायनेमो अथवा आल्टरनेटर के पाॅजिटिव या फेस तार से चलकर स्विच व रैसिस्टेन्स (जैसे लैम्प, हीटर, मोटर आदि) से होकर नेगेटिव या न्यूट्रल से वापस आती है तब कहा जाता है कि विद्युत ने अपना मार्ग पुरा कर लिया। इसी को इलैक्ट्रिक सर्किट कहा जाता है। इलैक्ट्रिक सर्किट में मुख्य रूप से निम्न साधन होते हैं। 1) विद्युत ( Electricity ) - यह डायनेमो या बैट्री से पाॅजिटिव व न्यूट्रल सिरों के द्वारा प्राप्त होती है। आल्टरनेटर के द्वारा फेस व न्यूट्रल के द्वारा मिलती है। यह अन्य साधनों से होकर फेस से न्यूट्रल की ओर या पाॅजिटिव से नेगेटिव की ओर चलती है। 2)माध्यम (Medium) - विद्युत तारों या केबिलों द्वारा अपना सर्किट पुरा करती है। इन तारों या केबिलों को माध्यम कहते हैं। इसी के द्वारा विद्युत एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचती है। 3) नियन्त्रक ( Controller ) - विद्युत को कंट्रोल करने ने के लिए स्विच प्रयोग किया जाता है। यह विद्युत को समाप्त कर देता है और आवश्यकतानुसार विद्युत को चालु कर देता है। 4) उपभोक्ता (Consumer) - जिस साधन में विद्युत व्यय होती है उसे उपभोक्ता कहते हैं जैसे लैम्प, प्रैस, मोटर आदि कोई भी सर्किट बिना उपभोक्ता के नहीं होता है। इलैक्ट्रिक सर्किट निम्न प्रकार के होते हैं - 1) क्लोज सर्किट ( Closed Circuit ) - जब किसी सर्किट में विद्युत, कंट्रोलर, माध्यम और उपभोक्ता चारों साधन लगे होते हैं और स्विच को आॅन करने पर उपभोक्ता जैसे लैम्प कार्य करने लगता है जब उसे क्लोज सर्किट कहा जाता है।
2) ओपन सर्किट ( Open circuit ) - जब किसी सर्किट में चारों साधन प्रयोग किए जाएँ और कही से तार टूट जाये या स्विच के एक सिरे से तार निकल जाये अथवा होल्डर से लगा तार हट जाए तो स्विच को आॅन करने पर लैम्प नहीं जलने पाता है क्योंकि उसका सर्किट पूरा नहीं होता है तब इस प्रकार के सर्किट को ओपन सर्किट कहा जाता है। 3) शार्ट सर्किट (Short Circuit ) - जब किसी सर्किट में उपभोक्ता से विद्युत न गुजर कर सीधे किसी तार से गुजरती है तो बहुत अधिक करंट प्रवाहित हो जाता है जो फ्युज को उड़ा देता है अथवा तार का इन्सुलेशन गल जाता है। इस प्रकार के सर्किट को शाॅर्ट सर्किट कहते हैं। इसमें बिना उपभोक्ता के फेस व न्यूट्रल आपस मिल जाते हैं। 4) लीकेज सर्किट (Leakage circuit) - जब सर्किट में फेस तार गीली दिवार से लग जाए तो विद्युत उस गीली दिवार के द्वारा ही अपना सर्किट पुरा कर लेती है तब उसे लीकेज सर्किट कहा जाता है। लीकेज होने पर लैम्प कम प्रकाश देता है।
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